Monday 21 March 2011

मेरे प्यारे मित्रों,,,,,,,पाठकों और उन सभी लोगों को जो मेरे लेखों को पढ़ना पसंद करतें हैं और मेरी हौसलाअफजाई करतें हैं ......उन सभी सम्मानित व्यक्तियों को मेरा सादर प्रणाम....आप सभी लोग यह सोच रहें होंगे की पता नहीं ये मोहतरमा न जाने कहाँ गायब हो गई.....काफी लम्बे समय से इनका कोई अता-पता नहीं है....वैसे मेरे लिखने या न लिखने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि लिखने वालों की कोई कमी नहीं है फिर भला मुझ जैसे लेखक की किसी को याद क्यों आने लगी????खैर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योकि हम दूसरों के लिए नहीं बल्कि अपनी ख़ुशी और संतुष्टि के लिए लिखतें हैं। कुछ व्यक्तिगत कारणों से मुझे अपनी लेखनी को एक अल्पविराम देना पड़ा था लेकिन अब मैंने इसे वापस गति देने की ठान ली है और अब मेरी कोशिश रहेगी कि इसे कभी विराम न देना पड़े। इतने दिनों से कुछ नहीं लिखा, इस बीच काफी सारे मुद्दे निकल गए जिनपर चाहकर भी कुछ नहीं लिख पाए कभी-कभी इन्सान इतना मजबूर हो जाता है कि चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पाता। चलिए जाने देतें हैं इन बातों.....पिछले दिनों जापान में जो कुछ भी हुआ....प्रकृति ने जो विनाश लीला वहां मचाई उस के आगे हम सब बेबस होकर बस प्रार्थना ही कर सकतें हैं कि ईश्वर उन्हें फिर सम्भलने का हौंसला दे...और जिन्होंने अपनों को खो दिया उन्हें इस दुःख से उबरने कि हिम्मत दे। प्रकृति के आगे इन्सान बेबस है,उसके आगे घुटने टेकने के आलावा हम कुछ नहीं कर सकते।जापान जैसी हालात कभी भी किसी की न हो ऐसी ऊपर वाले से दुआ करतें हैं। इस दुआ के साथ......आप सब के साथ हमेशा और लगातार बने रहने की मेरी भी कोशिश रहेगी.....और इसके लिए मुझे आप सब के प्यार,आशीर्वाद,सहयोग और समर्थन की जरुरत पड़ेगी.....मुझे पूरी उम्मीद है कि आप लोग इसमें कोई कमी नहीं रहने देंगे ...इसी आशा के साथ...
पूजा सिंह आदर्श

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